Sunday, July 29, 2012



मेरी ज़िन्दगी तुम बिन कितनी उदास है।
तू दूर है मगर, तेरी यादें मेरे पास हैं।

ऐ गुलबदन वो तेरा मुस्कुराना
हँसते-हँसते फिर रूठ जाना
सुनके मेरी सदा दौड़ के आना
मिलकर गीत वफ़ा के गाना....
हर-नफ़स शौक-ए-विसाल की आस हैं।
मेरी ज़िन्दगी तुम बिन कितनी उदास है.....

ये फुल, ये कलियाँ, ये चमन सब हैं बेकरार
ये घटा, ये फिज़ा, ये माहताब कोई नहीं हैं सरशार
सुना है आलम, उदासी का घिरा है गुबार
तुम्हारे आने का सबको है इंतज़ार
तू नहीं तो मेरे महबूब तेरी गली भी उदास हैं।
मेरी ज़िन्दगी तुम बिन कितनी उदास है..........

वो अपनी मुक्कमल मुलाकाते
पहरों बैठ किये जहाँ प्यार की बाते
रोज सताती है अब हिज़्र की राते
बस तेरी याद से ही जी बहलाते
हर वक़्त हर लम्हा "सिद्धू" दर्द का एहसास है।
मेरी ज़िन्दगी तुम बिन कितनी उदास है.....
तू दूर है मगर, तेरी यादें मेरे पास हैं.....
__________________________सिद्धू________

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